रामायण में सूर्पनखा का वध नहीं हुआ था ? Story of Shurpnakha of Ramayana in Hindi
रामायण में सूर्पनखा का वध नहीं हुआ था
*रामायण में सभी राक्षस मार डाले गए थे।लेकिन सूर्पनखा को मार नहीं डाला गया था..।
उसकी कान और नाक काटकर छोड़ दी गई थी।वह अपने चेहरे को कपड़े से छिपाए रखती थी।*
रावन की मृत्यु के बाद वह अपने पति के साथ शुक्राचार्य के पास गई और जंगल में उनके आश्रम में रहने लगी।
शुक्राचार्य ने राक्षसों का वंश खत्म नहीं होने के कारण शिव की पूजा की।*
शिव ने शुक्राचार्य को शिवलिंग देकर कहा कि राक्षसों का नाश जिस दिन कोई "वैष्णव" इस पर गंगा जल चढ़ा देगा।
उस आत्म लिंग को शुक्राचार्य ने वैष्णवों (हिंदुओं) से दूर रेगिस्तान में बनाया!
* आज अरब में "मक्का मदीना" में* उस समय चेहरा ढक कर रखने वाली सूर्पनखा परंपरा को उसके बच्चों ने पूरा किया, और आज भी मुस्लिम महिलाएं चेहरा ढक कर रखती हैं।
वर्तमान में सूर्पनखा के वंसज मुसलमान कहलाते हैं।ये शुक्रवार को बहुत महत्त्व देते हैं क्योंकि इसे शुक्राचार्य ने जीवन दिया था।*
* सभी जानकारी सत्य है और तथ्यों पर आधारित है। ⛳*
इस्लाम का जन्म कैसे हुआ?
इस्लाम असल में कोई धर्म नहीं है।मजहब है।
👉मजहब का अर्थ है अपने कबीलों को बढ़ाना।
सबको पता है कि मोहम्मदी मूलतः अरबवासी हैं।
👉अरब देश रेगिस्तान है।
वहाँ कोई जंगल या पेड़ नहीं है। मृत्यु के बाद वहाँ लकड़ी नहीं होने के कारण उन्हें जमीन में दफ़न कर दिया जाता था।
👉रेगिस्तानी क्षेत्रों में हरीयाली नहीं होती।
ऐसे में, रेगिस्तान में हरा चटक रंग देखकर लोगों को लगता था कि यहाँ जीवन है, क्योंकि यह एक संकेत था।
अरबी लोग रेगिस्तान में तेज धुप में चलते हुए सिर को ढकने के लिए टोपी पहनते थे।
जिससे लोग बीमार न हों।
अब रेगिस्तान में खेत और फल नहीं थे, इसलिए खाने के लिए कुछ भी नहीं था। इसलिए स्थानीय लोग 🐑, 🐄, 🐐, 🐖 को काटकर खाते थे। और अपनी भूख को दूर करने के लिए इसे क़ुर्बानी कहा गया।
रेगिस्तान में पानी की कमी थी, इसलिए लोग मुत्रमार्ग को साफ करने के लिए खतना (अगला हिस्सा काटना) करते थे।
जबकि सभी एक ही खानाबदोश थे, भाई बहन ही एक दूसरे से निकाह करते थे।
👉रेगिस्तान में मुर्ती बनाने के लिए मिट्टी नहीं मिलती थी, इसलिए मुर्ती पुजा नहीं करते थे! खराब थे!
एक जगह से दूसरी जगह जाना पड़ता था, इसलिए कम बर्तन रखते थे और एक थाली में पांच लोगों को खाना मिल सकता था।
कबीले की संख्या बढ़ी, इसलिए हर व्यक्ति को चार बीवी रखने की अनुमति दी गई।
अब मैं समझ गया कि इस्लाम सिर्फ एक कबीला नहीं है।
वास्तव में, यह उनकी दिनचर्या का नियम है।
* नोट: लेख पढ़कर विचार करें।*
*इस्लाम की वास्तविकता*
अगर हर हिँदू माँ-बाप ने अपने बच्चों को बताया होता कि अजमेर दरगाह के ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती ने पृथ्वीराज चौहान की पत्नी संयोगिता को मुस्लिम सैनिकों के बीच बलात्कार करने के लिए निर्वस्त्र करके फेंक दिया था।
फिर पृथ्वीराज चौहान की वीर पुत्रियों ने मोइनुद्दीन चिश्ती को 72 हूरों के पास भेजा था और फिर क्या हुआ?
तो उस मुल्ले की कब्र पर कोई हिँदू माथा नहीं पटकेगा।
अजमेर के ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती को ९० लाख हिंदुओं को इस्लाम में बदलने का गौरव है।
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